UGC: नई शिक्षा नीति के तहत यूजीसी की ओर से गठित की गई कमेटी ने आर्ट्स सहित कई अन्य विषयों में बैचलर ऑफ साइंस की डिग्री देने की सिफारिश की है. यूजीसी जल्द ही इसका नोटिफिकेशन जारी कर सकता है.
UGC: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) अब नए- नए नामों से काॅलेज डिग्री देगा. नई शिक्षा नीति 2020 के तहत यूजीसी की ओर से डिग्री नामकरण की समीक्षा करने के लिए गठित समिति ने इसकी सिफारिश की है. वहीं नए चार वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम को बैचलर ऑफ साइंस (बीएस) की डिग्री के रूप में भी पेश किया जा सकता है.
इसके तहत स्टूडेंट्स आर्ट्स, मानविकी, प्रबंधन और काॅमर्स स्ट्रीम से बैचरल आफ साइंस (बीएस) डिग्री कोर्स कर सकेंगे. यूजीसी अब आर्ट्स, मानविकी और प्रबंधन जैसे विषयों में विज्ञान स्नातक (बीएस) की डिग्री सहित काॅलेज डिग्री नामों से एक नई श्रृंखला पेश करेगा.
मौजूदा समय में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग विश्वविद्यालयों को कला, मानविकी और सामाजिक विज्ञान में कला स्नातक (बीए) की डिग्री प्रदान करने की अनुमति देता है. वहीं विज्ञान स्नातक (बीएससी) की डिग्री आमतौर पर विज्ञान विषयों के लिए है.
विश्वविद्यालय कला, मानविकी, प्रबंधन और वाणिज्य जैसे विषयों के लिए भी एक और दो वर्षीय स्नातकोत्तर कार्यक्रमों के लिए मास्टर ऑफ साइंस (एमएस) नामकरण को अपना सकते हैं. हालांकि समिति ने सभी विषयों में डिग्री के लिए बीएस नामकरण का उपयोग करने की सिफारिश की है
समिति ने विज्ञान कार्यक्रमों के लिए बीए और एमए के उपयोग की अनुमति नहीं दी है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यूजीसी पांच सदस्यीय समिति की सिफारिशों को फीडबैक के लिए जल्द ही पब्लिक डोमेन में साझा कर सकता है, जिसके बाद आयोग डिग्री नामकरण के नए सेट का नोटिफिकेशन जारी करेगा.
मई के अंतिम सप्ताह में हुई यूजीसी की बैठक के दौरान समिति की रिपोर्ट पर चर्चा हुई थी. विचार-विमर्श के बाद आयोग ने नए डिग्री नामों को अंतिम रूप देने से पहले प्रतिक्रिया के लिए अपनी सिफारिशों को सार्वजनिक रूप से साझा करने का निर्णय लिया.
समिति ने यह भी की हैं सिफारिशें
चार साल के अंडरग्रेजुएट ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम में बीए (ऑनर्स), बीकॉम (ऑनर्स), या बीएस (ऑनर्स) जैसे कार्यक्रमों के नामों में ‘ऑनर्स’ जुड़ा होगा. वहीं चार वर्ष के रिसर्च कार्यक्रमों के नाम में भी ऑनर्स जुड़ा होगा. जैसे बीए (ऑनर्स विद रिसर्च) और बीकॉम (ऑनर्स विद रिसर्च).
समिति ने एमफिल कार्यक्रम को समाप्त करने की सिफारिश की है.
यदि किसी छात्र ने 3.5 वर्षों में चार साल के कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक क्रेडिट अर्जित किए हैं, तो वह अपनी डिग्री प्राप्त करने के योग्य होना चाहिए.
हालांकि समिति स्पष्ट करती है कि नए डिग्री नाम केवल संभावित रूप से लागू होंगे और नई शब्दावली की शुरुआत के बाद भी पुराने डिग्री नामों का उपयोग जारी रहेगा. इसलिए मौजूदा तीन साल का ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम चार साल के ऑनर्स डिग्री प्रोग्राम के साथ जारी रहेगा.